Monday, November 28, 2011

कैलादेवी मंदिर करोली

माँ कैलादेवी

श्री कैलादेवी-जी की कहानी 
करोली पर कैसे आई माँ
करोली के राज्य पर एक दानव बहुत अत्याचार करता था। वहां के राजा दो भाई थे। दोनों भाई दानव से परेशान थे। तो दोनों भाईयो ने माँ कैला देवी की पूजा की ओर करोली में आकर दानव से मुत्ति के लिए प्रार्थना की माँ कैला देवी बाड़ी (वर्तमान में जिला  धौलपुर की तहसील है ) से करोली पर आई, और दानव का संहार किया। जिसका प्रमाण कलिशील नदी के किनारे माँ और दानव के पैरो के चिह्न आज भी है



कैलादेवी की महिमा 
चैत्र माह में, नवरात्री के प्रथम रात्रि को माँ स्वप्न में दर्शन देती है। नवरात्री के अष्टमी को माँ की प्रतिमा की गर्दन सीधी हो जाती है यहाँ पर जो भी सचे मन के आता है। वहां मन बांछित फल पता है


स्थान से दुरिया 
करोली जिले के ३३ कि.मी. दुरी पर स्थित है
भरतपुर 107 km 
सवाई  माधोपुर 129 km 
रंथाम्भोरे 129 km 
अलवर 162 km 
जयपुर 169 km 
सरिस्का 198 km 
दिल्ली 288 km
कुचामन 294 km
अजमेर 295 km
पुष्कर 312 km

No comments:

Post a Comment

 
  • Site Is Designed By Akarsh Nagariya